Thursday, 5 March 2020

मन आँगन

मन आँगन
जब दिल की मुंडेर पर ,
अस्त होता सूरज आ बैठता है।
श्वासों में कुछ मचलता है
कुछ यादें छा जाती
सुरमई सांझ बन ,
जहाँ हल्का धुंधलका
हल्की रोशनी,
कुछ उड़ते बादल मस्ती में,
डोलते मनोभावों जैसे
हवाके झोंके,
सोया एहसास जगाते ,
होले-होले बेकरारियों को
थपकी दे सुलाते ,
मन गगन पर वो उठता चांद
रोशनी से पूरा आँगन, जगमगा देता,
मन दहलीज पर,
मोती चमकता मुस्कान का ,
फिर नये ख्वाब लेते अंगड़ाई
होले - होले,
जब दिल की.........

                      कुसुम कोठारी ।

18 comments:

  1. वाह !आदरणीया दीदी निशब्द करती बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति अंतःस्थ को छूता एक एक शब्द आभास हुआ जैसे आस को मुठ्ठी में दबाये हवा की थाप आँगन में उतर आयी है... बहुत ही सुंदर 🌹

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    1. बहुत बहुत स्नेह आभार ,आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से रचना को प्रवाह मिला ।
      रचना की आत्मा तक उतरने के लिए हृदय तल से आभार।
      लेखन को सार्थकता मिली।
      सस्नेह।

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  2. खूबसूरत ख्यालात

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    1. जी बहुत बहुत आभार आपका।
      ब्लाग पर सदा स्वागत है आपका ।
      सादर।

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    1. सादर आभार आदरणीय आपकी प्रतिक्रिया मिलने मात्र से रचना सार्थक हुई ।
      सादर।

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  4. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 06 मार्च 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  5. जी सादर आभार सांध्य मुखरित मौन में शामिल होना सुखद अनुभव है।
    मैं अवश्य उपस्थित रहूंगी।
    सादर।

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  7. कुछ यादें छा जाती
    सुरमई सांझ बन ,
    जहाँ हल्का धुंधलका
    हल्की रोशनी,
    कुछ उड़ते बादल मस्ती में,
    डोलते मनोभावों जैसे
    हवा के झोंके,
    सोया एहसास जगाते ,
    होले-होले बेकरारियों को
    थपकी दे सुलाते
    बहुत खूबसूरती भावाभिव्यक्ति कुसुम जी ।

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  9. बहुत सुन्दर रचना

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  10. हवाके झोंके,
    सोया एहसास जगाते ,
    होले-होले बेकरारियों को
    थपकी दे सुलाते ,
    मन गगन पर वो उठता चांद
    रोशनी से पूरा आँगन, जगमगा देता,
    मन दहलीज पर,
    मोती चमकता मुस्कान का ,
    फिर नये ख्वाब लेते अंगड़ाई
    होले - होले,
    वाह!!!
    बहुत ही सुन्दर...लाजवाब सृजन...।

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  11. बेहतरीन रचना सखी

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  12. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 24 अगस्त 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  13. खूबसूरत अभिव्यक्ति! बेहतरीन सृजन

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  14. बहुत ही सुंदर बार-बार पढ़ने को पुकारती अभिव्यक्ति।
    सादर

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