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Sunday 9 December 2018

दास्ताँ ए गम

रो रो के सुनाते रहोगे दास्ताँ ए गम
     भला कोई कब तक सुनेगा

देते रहोगे दुहाई उजड़ी जिंदगी की 
    भला कोई कब तक सुनेगा

आशियाना तुम्हारा ही तो बिखरा ना होगा
        भला कोई कब तक सुनेगा

गम से कोई जुदा कहां जमाने में
    भला कोई कब तक सुनेगा

अदम है आदमी बिन अत़्फ के
   भला कोई कब तक सुनेगा

अफ़सुर्दा रहते हो अजा़ब लिये
   भला कोई कब तक सुनेगा

आब ए आइना ही धुंधला इल्लत किसे
      भला कोई कब तक सुनेगा

गम़ख्वार कौन गैहान में आकिल है चुप्पी
     भला कोई कब तक सुनेगा ।

            कुसुम कोठारी।।

अदम =अस्तित्व हीन,  अत़्फ =दया
अफ़सुर्दा =उदास ,इल्लत =दोष
 गैहान=जमाना, आकिल =बुद्धिमानी

16 comments:


  1. आब ए आइना ही धुंधला इल्लत किसे
    भला कोई कब तक सुनेगा
    बेहद खूबसूरत....., उर्दू की नजाकत और शब्दों का हिन्दी रुपान्तरण...., बहुत खूब ।

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    1. मीना जी आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से और अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलती है।
      सस्नेह आभार।

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  2. आशियाना तुम्हारा ही तो बिखरा ना होगा
    भला कोई कब तक सुनेगा.....वाह !!बहुत ख़ूब सखी |

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    1. वाह सखी उत्साह वर्धन करती है आपकी प्रतिक्रिया सदा।
      स्नेह आभार सखी।

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  3. ये तो सच है कोई नहीं सुनता दर्द की दास्ताँ आज कल ...
    सब रहते हैं अपने आप में ही मस्त ...
    बहुत सी जीवन के लम्हे समेटे हैं आपने इस रचना में ... बहुत लाजवाब ...

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    1. जी भावों को समर्थन देती आपकी व्याख्यात्मक सराहना के लिये तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय नासवा जी।

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  4. माना कि दर्द एक मीठे जख्म की तरह है ,
    परंतु अपने ही दर्द से सब बहुत गमगीन हैं
    चलो कुछ गीत खुशी के गाएं ,क्यों हर पल अपने दर्द के किस्से सुनाए ।
    सुंदर प्रस्तुति।

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    1. सुंदर भाव प्रदर्शित किये आपने रचना को आधार देते।
      बहुत बहुत आभार ।
      सादर।

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  5. आज के व्यस्त समय में किसी को किसी का दर्द सुनने का समय नहीं हैं। बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, कुसुम दी।

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  6. स्नेह आभार ज्योति बहन रचना के भावों को समर्थन देने के लिये।
    सस्नेह।

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  7. गम से कोई जुदा कहां जमाने में
    भला कोई कब तक सुनेगा
    वाह बहुत ही बेहतरीन रचना सखी

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    1. बहुत बहुत आभार सखी।
      सस्नेह ।

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  8. वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह और सिर्फ़ वाह

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  9. आपकी वाह वाह पारितोष है रचना का।
    स्नेह आभार भाई ।

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  10. लाजवाब रचना
    बहुत उम्दा

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    1. बहुत बहुत आभार लोकेश जी आपका।

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