Wednesday, 5 May 2021

विहान आयेगा


 विहान आयेगा।


रात हो कितनी भी काली

खो चुकी दिवा की लाली

समय पर भानु का उदभव 

रोकना उसको असंभव।।


हो  कभी  जो काल दुष्कर

बनना हो स्वयं धनुष्कर

विजय भी  मिलेगी निश्चित

पुनः सब होगा अधिष्ठित।।


क्यों क्लांत बैठे हार कर

उठ भाव में आवेश भर 

चमन उजड़ा कब रहेगा

हरित हो अंकुर खिलेगा।।


संग्राम है जीवन अगर 

लड़ना ही होगा मगर

जीत तक लड़ते रहेंगे

क्यों पराजय की कहेंगे।।


मनुज कभी रुकता नहीं

बाधाओं से झुकता नहीं

कल नई फिर नींव धरकर 

लायेगा खुशियाँ भरकर।।


       कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'

33 comments:

  1. वाह,सुंदर सृजन। उम्मीद से भरी प्रेरणादायक कविता।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका शिवम् जी।
      उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया।

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  2. सकारात्मक संदेश का संचार करती उत्कृष्ट रचना। आपको मेरी सादर शुभकामनाएँ।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका जिज्ञासा जी कविता को समर्थन मिला भाव सफल हुवे।
      सस्नेह शुभकामनाएं।

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 3020...अपना ऑक्सीजन सिलिंडर साथ लाइए!) पर गुरुवार 6 मई 2021 को साझा की गई है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 3020...अपना ऑक्सीजन सिलिंडर साथ लाइए!) पर गुरुवार 6 मई 2021 को साझा की गई है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. जी बहुत बहुत आभार आपका पांच लिंक पर रचना का आना सुखद है सदैव ।
      मैं हाज़िर रहूंगी।
      सादर।

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  5. सादर नमस्कार,
    आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 07-05-2021) को
    "विहान आयेगा"(चर्चा अंक-4058)
    पर होगी। चर्चा का
    शीर्षक आपकी रचना से लिया गया है । चर्चा में आप सादर आमंत्रित है.धन्यवाद

    "मीना भारद्वाज"

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    1. बहुत बहुत आभार आपका मीना जी चर्चा पर रचना को लेने के लिए।
      ये सदा अगले सृजन के लिये प्रेरक होता है ।
      मैं चर्चा पर अवश्य उपस्थित रहूंगी।
      सादर सस्नेह।

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  6. इस बार रात बड़ी लंबी हो गई, ना जाने कब आएगा विहान.... धैर्य की परीक्षा हो रही है।
    फिर भी,
    संग्राम है जीवन अगर
    लड़ना ही होगा मगर
    जीत तक लड़ते रहेंगे
    क्यों पराजय की कहेंगे।।
    सकारात्मक संदेश, सुंदर रचना।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका मीना जी आपको उपस्थित देख मन प्रसन्न हुआ।
      सच कहा आपने रात बहुत लम्बी हो गई इस बार।
      पर मन कहता है कि जब चारों तरफ दावानल सा हो तो कुछ बूंदें कवि आशा और स्नेह की बरसाता चले दो पल को तो एक शीतल झोंका ठंडक दे ।
      हर तरफ बहुत भय और निराशा है चलिए इस के बीच एक सुकून का पल जी लें लेखन के माध्यम से।
      सस्नेह।

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  7. आदरणीया मैम, बहुत ही सुंदर प्रेरक कविता जो मन को आशा और उल्लास से भर देती है । कोरोना काल हम सब के लिए दुखद और कठिन है पर यह सद्य के लिए नहीं रहेगा, जल्दी ही चला जाएगा । हृदय से आभार इस आनंदित करती हुई सुंदर रचना के लिए व आपको प्रणाम ।

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    1. बहुत सुंदर बात कही छोटी बहना आप ने सही कहा ये सदा के लिए नहीं रहेगा जो क्षति हो रही है हम उसकी पूर्ति तो नहीं कर सकते पर जीवन को पुनर्जीवित तो करना होगा।
      सस्नेह।

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  8. आशा का संचार करती बहुत ही सुंदर रचना, कुसुम दी।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका ज्योति बहन।
      रचना को समर्थन मिला लेखन सार्थक हुआ।
      सस्नेह।

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  9. एक नई चेतना जागृत करती हुई बहुत ही उम्दा रचना

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    1. बहुत बहुत आभार आपका मनीष जी,रचना के भावों पर आपकी सार्थक प्रतिक्रिया रचना को गतिमान कर रही है।
      सादर।

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  10. प्रेरणादायक कविता

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    1. बहुत बहुत सा स्नेह आभार आपका।
      ब्लाग पर सदा स्वागत है आपका।
      सस्नेह।

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  11. सुंदर सृजन

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।

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  12. अवश्य विहान आएगा !

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    1. जी बहुत बहुत आभार आपका।

      विहान तो आयेगा यह विश्वास ही हर चुनौती के लिए दृढ़ता देता है आपकी आशावादी प्रतिक्रिया से रचना प्रवाहमान हुईं।
      सादर सस्नेह।

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    2. मनुज कभी रुकता नहीं
      बाधाओं से झुकता नहीं
      कल नई फिर नींव धरकर
      लायेगा खुशियाँ भरकर।।
      मानव स्वभाव में उम्मीदों की राह देखना भी है। आशा पर संसार जीवित है। प्रेरक रचना।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका संदीप जी , उत्साहवर्धन हुआ।
      सादर।

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  15. जीवन की इन कठिन परिस्थितियों में प्रेरणा देती रचना....

    क्यों क्लांत बैठे हार कर
    उठ भाव में आवेश भर
    चमन उजड़ा कब रहेगा
    हरित हो अंकुर खिलेगा।।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका विकास जी,आपके समर्थन देते शब्दों से रचना में नव गति संचार हुई ।
      सादर ।

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  16. बहुत बहुत आभार आपका आलोक जी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए ।
    सादर।

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  17. बहुत अच्छी और आशा का संचार करती कविता

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    1. जी सादर आभार आपका उत्साहवर्धक, भावों को समर्थन देती सार्थक प्रतिक्रिया।
      सादर

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  18. आशा का संचार करती खूबसूरत रचना।

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