Sunday, 8 March 2020

तू कैसो रंगरेज

तू कैसो रंगरेज

ना खेरू होली तोरे संग सांवरीया
बिन खेले तोरे रंग रची मैं
कछु नाही मुझ में अब मेरो
किस विधि च्ढ्यो रंग छुडाऊं
तू कैसो रंगरेज ओ कान्हा
कौन देश को रंग मँगायो
बिन डारे मैं हुई कसुम्बी
तन मन सारो ही रंग ड़ारयो
ना खेलूं होरी तोरे संग ।

         कुसुम कोठारी ।

12 comments:

  1. आपको होली की अग्रिम शुभकामनाएं ...

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    1. साभार आपको भी रंगोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं।

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  2. बहुत सुंदर पंक्तियाँ सखी, आपको होली की अग्रिम शुभकामनाएं 💐

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    1. आपको भी रंगोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं सखी।
      सस्नेह।

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  3. प्रेम रो रंग अलबेलो ई होवे है
    कदे उतारणे से ना उतरे।
    बहोत चौखी रचना है थारी।
    अठे उडीक रेवेला- कविता २

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    1. साभार , रंगोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं।

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  4. सुन्दर प्रस्तुति।
    रंगों के महापर्व
    होली की बधाई हो।

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    1. जी आदरणीय, आपको भी रंगोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं।
      सादर।

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  5. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (10 -3-2020 ) को " होली बहुत उदास " (चर्चाअंक -3636 ) पर भी होगी

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    ---
    कामिनी सिन्हा

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    1. बहुत बहुत आभार आपका कामिनी जी । चर्चा मंच पर मेरी रचना को शामिल करने केलिए हृदय तल से आभार।
      मैं उपस्थित होने की कोशिश जरूर करूंगी ।

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  6. बहुत सुंदर रचना कुसुम दी। होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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    1. आपको भी ज्योति बहन रंगोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं।
      सस्नेह।

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