Saturday, 16 November 2019

कोरे मन के कागज

कोरे मन के कागज पर
चलो एक गीत लिखते हैं,
डूबाकर तूलिका भावों में
चलो एक गीत लिखते हैं ।

मन की शुष्क धरा पर
स्नेह नीर सिंचन कर दें,
भुला  करके सभी शिकवे
चलो एक गीत लिखते हैं।

शब्द तुम देना चुन-चुन कर
मैं सुंदर अर्थों से सजा दूंगी,
सरगम की किसी धुन पर
चलो एक गीत लिखते हैं।

हवाओं में कोई सरगम
मदहोशी हो फिजाओं में,
बैठ कर किसी तट पर
चलो एक गीत लिखते हैं।

अगर मैं भूलूं तो तुम गाना
संग मेरे तुम भी गुनगुनाना,
 गुजरते संग-संग राहों पर
चलो एक गीत लिखते हैं।

       कुसुम कोठारी।

11 comments:

  1. बेहद खूबसूरत गीत लिखा दी।
    सुंदर शब्द विन्यास और भाव अति सुंदर।
    ------
    मनोमालिन्य धुल जाये
    स्नेहिल बताशे घुल जाये
    प्रीत के इत्र छिड़ककर
    महकता संगीत लिखते हैं
    चलो एक गीत लिखते हैं।

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  2. ऐसे प्रेम में डूबे गीत लिखे ही जाने चाहिए।
    लाजवाब

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  3. वाह! बहुत कोमल अहसास!!!

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  4. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (18-11-2019) को "सर कढ़ाई में इन्हीं का, उँगलियों में, इनके घी" (चर्चा अंक- 3523) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित हैं….
    *****
    रवीन्द्र सिंह यादव

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  5. शब्द तुम देना चुन-चुन कर
    मैं सुंदर अर्थों से सजा दूंगी,
    सरगम की किसी धुन पर
    चलो एक गीत लिखते हैं।वाहहहह अद्भुत प्रस्तुति 👌

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  6. अगर मैं भूलूं तो तुम गाना
    संग मेरे तुम भी गुनगुनाना,
    गुजरते संग-संग राहों पर
    चलो एक गीत लिखते हैं।
    बहुत सुन्दर गीत लिखा है कुसुम जी..सरस और मधुर सृजन ।

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  7. बहुत सुन्दर ... आशा के बोल और गीत की स्वर लहरी ... दोनों मिल कर दिशा बदल दें ... आओ गीत बुने ...
    बहुत सुन्दर ...

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  8. आपके गतिशील सृजनात्मकता की कायल हो गई हूं आप लगभग रोज ही एक नई कविता लेकर आती है और ऐसा कभी भी नहीं लगता कि वह पुरानी कविता से मेल खा रही हो हमेशा एक नए विषय पर बेहद खूबसूरत शब्दों के साथ एक नई कविता अपने पटल पर स्थापित करती हो यह कविता भी बहुत अच्छी है

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  9. वाह!वाह!दी जी बेहतरीन सृजन

    कुछ चुनते है धरा के आँगन से
    कुछ अंतरमन का लिखते है
    गुनगुनाएं जमाना सदियों तक
    चलो सखी ऐसा एक गीत लिखते है.
    सादर

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  10. वाह्ह्ह्ह्हह!
    आदरणीया दीदी जी बेहद खूबसूरत मनभावन गीत 👌
    आपका हर सृजन आनंदित करता है।
    सादर नमन 🙏

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  11. सुन्दर रचना

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