Sunday, 17 March 2019

हाइकु, प्रहार चोट वार


( हाइकु )
चोट ~प्रहार ~वार।

ऐसा प्रहार
ना हाथ  हथियार
वाणी की चोट।

वायु की चोट
वारिध डावाडोल
बरसा पानी।

मन उदास
प्रहार करे घन
न आये कंत।

वार गहरा
झेल ना पाया मन
टूटा विश्वास।

चोट पे चोट
लोहे से कनक पे
दे दनादन।

कुसुम कोठारी

हाइकु जापानी काव्य शास्त्र की सबसे छोटी विधा है जो अब भारत में बहुत मनोयोग से लिखी जा रही है  सत्रह (17) वर्णों में लिखी जाने वाली सबसे छोटी कविता है। इसमें तीन पंक्तियाँ रहती हैं। प्रथम पंक्ति में 5 वर्ण दूसरी में 7 और तीसरी में 5 वर्ण रहते हैं।

7 comments:

  1. बेहतरीन और लाजवाब हाइकु कुसुम जी ।

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    1. सस्नेह आभार मीना जी ।

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  2. सुन्दर। टूटा कर लें।

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  3. बहुत सुंदर हाइकु सखी

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  4. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण हाइकु...

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  5. कुछ सबदों के गहरे प्रहार ... दूर तक करते प्रहार ...
    अच्छे लाजवाब हाइकू ...

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  6. बहुत सुंदर हायकू, कुसुम दी।

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