Saturday, 17 March 2018

नारी सिर्फ नाजुक नही

नवरात्री शुभारंभ की हार्दिक शुभकामनायें ।

नारी सिर्फ नाजुक नही है
जरूरत पडे कटार भी है
चंदा की शीतलता ही नही
उसमे सूर्य  सी आग भी है
फूलों  सी नाजुक  ही सही
दुर्गा  का अवतार भी है
संदल की महक ही नही
हवन का लोबान भी है
पायल की रुनझुन ही नही
शिव का ताणडव भी है।
    कुसुम कोठारी।

10 comments:

  1. वाह !!! बहुत खूब .... शानदार रचना

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  2. वाह्ह्ह...बेहद उम्दा दी प्रेरक👌👌
    नववर्ष एवं नवरात्र की हार्दिक मंगलकामनाएँ मेरी स्वीकार करें।
    सपरिवार कुशल रहे स्वस्थ्य रहें प्रसन्न रहे सुख सौभाग्य से परिपूर्ण रहे यही कामना है मेरी।
    जय माता की🙏

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  3. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/03/61.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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    1. सादर आभार मेरी रचना को मान देने के लिये।

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  4. नारी शक्ति है ... स्वयं में पूर्ण है ...
    सुंदर रचना ...

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    1. सादर आभार आपकी प्रतिक्रिया से रचना अपना अर्थ पा गई।

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