Sunday, 9 January 2022

हिन्दी को समर्पित दोहे


 

हिन्दी को समर्पित दोहे।



सभी दिवस हिंदी रहे,भाषा की सिरमौर।

सारा हिन्दुस्तान ही, भाल रखें ज्यों खौर।।


हिंदी मेरा मान है, हिंदी ही शृंगार ।

भाषा के तन पर सजा, सुंदर मुक्ता हार।।


हिंदी सदा लगे मुझे,  सहोदरा सी मीत।

हिंदी ने भर-भर दिया, जीवन में संगीत।‌


बिन हिंदी मैं मूक हूँ, टूटी जैसे बीन।

लाख जतन कर लो मगर, जल बिन तड़पे मीन।।


हिंदी दिवस मना रहे, चहुँ दिशि गूंजे नाद।

हिंदी पर आश्रित रहे, ऐसे कम अपवाद।।


कुसुम कोठारी'प्रज्ञा'।

17 comments:

  1. बहुत ही सुंदर सराहनीय दोहे आदरणीय कुसुम दी जी।
    हार्दिक बधाई।

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    1. हृदय से आभार आपका उत्साह वर्धन के लिए।
      सस्नेह।

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  2. हिंदी मेरा मान है, हिंदी ही शृंगार ।

    भाषा के तन पर सजा, सुंदर मुक्ता हार।।



    हिंदी सदा लगे मुझे, सहोदरा सी मीत।

    हिंदी ने भर-भर दिया, जीवन में संगीत।‌

    सच हम तो हिंदी से ही रचे बसे, उसी में जीते, पहनते ओढ़ते, उसी से जीवन का ताना बाना बुनते हैं,हमारे लिए तो वो जगद्जननी है,जीवन संदर्भ है । हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आदरणीय कुसुम जी 💐💐

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    1. हृदय से आभार आपका जिज्ञासा जी ,रचना के भावों को समर्थन देती, हिन्दी भाषा को समर्पित सुंदर पंक्तियां आपकी।
      सस्नेह।

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  3. बहुत ही बेहतरीन दोहे सखी।

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    1. जी हृदय से आभार आपका सखी।
      सस्नेह।

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  4. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (११-०१ -२०२२ ) को
    'जात न पूछो लिखने वालों की'( चर्चा अंक -४३०६)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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    1. चर्चा मंच पर रचना का आना सदा आनंदित करता है,रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार आपका।
      सादर सस्नेह।

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  5. कुसुम जी, काश कि हिंदी के विषय में आपके उद्गारों की बुनियाद मज़बूत हो !

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    1. जी सर हृदय से आभार आपका मेरा तो हिन्दी भाषा को पूरा समर्पण है।
      हृदय से आभार आपका आपकी टिप्पणी से लेखन को नई ऊर्जा मिलती है ।
      सादर।

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  6. बहुत ही उम्दा दोहे!

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    1. हृदय से आभार आपका मनीषा जी।
      सस्नेह।

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    1. उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार आपका आदरणीय।
      सादर।

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  8. बेहतरीन रचना

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    1. हृदय से आभार आपका भारती जी ।
      सस्नेह।

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  9. हिन्दी को समर्पित हिन्दी दिवस पर लाजवाब दोहे
    वाह!!!

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