Wednesday, 19 January 2022

नवजात अर्चियाँ (भोर)


 नवजात अर्चियाँ(भोर)


प्राची की प्राचीरें

केसर दूध नहाई

लील वर्तुल झाँकती

नव नवनीत मलाई।


श्यामला मन मोहिनी

पाट अपना छोड़ती

द्यु मणि ने नैन खोले

पीठ अपनी मोड़ती

उजली नवजात सुता 

भोर निशा की जाई।।


कुनमुनी सी भोर ने 

तारक शैया छोड़ी

श्वेत कंठ पर शोभित

महारजत की तोड़ी

चंचल सी किरणों की 

ओढ़ ओढ़नी आई।


शाख तरु झिलमिल करे

झटिका के सँग डोले

जग में जीवन भर दो

विहग विहँसते बोले

मृगनयनी मन भावन

किससे आभा पाई।।


कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'

22 comments:

  1. बहुत सुंदर,भोर की अलमस्त सी

    ReplyDelete
    Replies
    1. सस्नेह आभार आपका उत्साहवर्धन हुआ आपकी प्रतिक्रिया से।
      सस्नेह।

      Delete
  2. मनभावन पोस्ट।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर आभार आपका उत्साहवर्धन हुआ आपकी प्रतिक्रिया से।

      Delete
  3. बहुत बहुत सुन्दर रचना

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर आभार आपका उत्साहवर्धन हुआ आपकी प्रतिक्रिया से।

      Delete
  4. लाजवाब सृजन

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर आभार आपका उत्साहवर्धन हुआ आपकी प्रतिक्रिया से।

      Delete
  5. प्रकृति की मनोरम छटा बिखेरती उत्कृष्ट रचना 👌👌

    ReplyDelete
    Replies
    1. सस्नेह आभार आपका उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया आपकी जिज्ञासा जी।
      सस्नेह।

      Delete
  6. प्राकृतिक सुषमा के नैसर्गिक सौंदर्य पर लाजवाब कृति ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सस्नेह आभार आपका उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मीना जी नव ओज भर्ती सी।
      सस्नेह।

      Delete
  7. बहुत सुन्दर !
    लेकिन आजकल तो भोर कंपकंपी ले कर आती है.
    हम तो भोर का स्वागत करते हुए फिर लिहाफ़ में घुस जाते हैं.

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर आभार आपका सर, हमारे यहां इतनी ठंड नहीं तो भोर का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
      सादर।

      Delete
  8. प्रकृति की सुंदरता को बयां करता लाजवाब सृजन

    ReplyDelete
    Replies
    1. सस्नेह आभार आपका प्रिय मनीषा उत्साहवर्धन हुआ आपकी प्रतिक्रिया से।
      सस्नेह।

      Delete
  9. हृदयाभिराम! समस्त सौंदर्य से आपूरित । अति सुन्दर सृजन ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सस्नेह आभार आपका उत्साहवर्धन हुआ आपकी विस्तृत मनोहर प्रतिक्रिया से।
      सस्नेह।

      Delete
  10. बहुत ही सुंदर रचना

    ReplyDelete
    Replies
    1. सादर आभार आपका उत्साहवर्धन हुआ आपकी प्रतिक्रिया से।

      Delete
  11. जी हृदय से आभार आपका, चर्चा मंच पर रचना को शामिल करने के लिए ।
    मैं उपस्थित रहूंगी।
    सस्नेह सादर।

    ReplyDelete
  12. Soccer Betting: Which Sports Are Betting and Why?
    There are countless 토토사이트 ways to bet on soccer, and betting is very popular today. You can pick a soccer league from one of the many odds provided on

    ReplyDelete