Saturday, 28 September 2019

स्वागत मां दुर्गा

सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि । एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरि विनाशनम्।

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।

.     बरखा अब विदाई के
  अंतिम सोपान पर आ खडी है,
         विदा होती दुल्हन के
       सिसकियों के हिलोरों सी
      दबी-दबी सुगबुगाहट लिए।

            शरद ने अभी अपनी
            बंद अटरिया  के द्वार
         खोलने शुरू भी नही किए
              मौसम के मिजाज
     समझ के बाहर उलझे-उलझे।

        मां दुर्गा भी उत्सव का
   उपहार लिये आ गईं धरा पर
         चहुँ ओर नव निकेतन
          नव धाम सुसज्जित
  आवो करें स्वागत मुदित मन से।

                   कुसुम कोठारी।

7 comments:

  1. जी नमस्ते,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (30-09-2019) को " गुजरता वक्त " (चर्चा अंक- 3474) पर भी होगी।

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    1. जी सादर आभार आपका।
      पांच लिंक में रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार।

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  2. बहुत सुन्दर ...
    माँ का स्वागत है ... उसकी कृपा सदेव रहे सब पर ... इस धरा पर ... बरखा पर ... मौसम पर ...

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय आपकी शानदार प्रतिक्रिया से उत्साह वर्धन हुआ।

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  3. माँ फिर से जीवन में उल्लास लेकर आई है
    प्रकृति मुस्कुराई है, जन-जन को बधाई है.

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    1. जी सादर आभार आपका आदरणीय।
      नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  4. वाह बेहतरीन प्रस्तुति सखी।🌹🌹

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