Tuesday, 30 July 2019

मुंशी प्रेमचंद


युग प्रवर्तक ,साहित्य शिरोमणि,
आधुनिक हिंदी कहानी के पितामह, उपन्यास सम्राट
मुंशी प्रेमचंद।
अगर आपके पास थोडा भी हृदय है तो क्या मजाल की मुंशी जी की कृतियां आपकी आंखे ना भिगो पाये, जीवन के विविध रूपों के हर पहलूओं पर उन्होंने जो चित्र उकेरे हैं वो विलक्षण है ।
उन्होंने कथा ,उपन्यासों को मनोरंजन,तिलिस्म और फंतासी से बाहर निकाल सीधे यथार्थ के धरातल पर खडा कर दिया । यथार्थ भी ऐसा जिससे आभिजात्य कहलाने वाला वर्ग अनजान था या कन्नी काट रहा था ।
उनकी रचनाओं में दर्द ऐसे उभर कर आता है कि सारे बदन में सिहरन भर देता है, इस कठोर सत्य को पढने में भी उकताहट  कहीं हावी नही होती, रोचकता से  प्रवाह में बहता लेखन ,सहज व्यंग और हल्का हास्य का पुट पाठक को बांधे रखता है ।
उन्होनें आम व्यक्ति की समस्याओं भावनाओं और परिस्थितियों का इतना मार्मिक वर्णन किया है कि यह कह सकते हैं उनका साहित्य संसार, हिन्दुस्तान के सबसे विशाल तबके का  संसार है।
प्रेम चंद का साहित्य का महत्व भारत में ही नही विदेशों में भी समादृत है।

कुसुम कोठारी।

12 comments:

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 31 जुलाई 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. जी सादर आभार।
      सांध्य दैनिक में मेरे लेख को शामिल करने के लिए।

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  3. क़लम के कालजयी सिपाही को शत्-शत् नमन..🙏

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  4. मुंशी प्रेमचंद के योगदान ने हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने में अथक योगदान दिया .. कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद को शत शत नमन 🙏

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  5. मुंशी प्रेमचंद के योगदान को नमन 🙏🙏🙏

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    1. नमन साहित्य सम्राट को ।

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  6. साहित्य के महानायक...कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद जी को शत् शत् नमन 🙏

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    1. नमन मुंशी प्रेमचन्द को ।

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  7. प्रेम चाँद की कहानियों और उपन्यासों को पढ़ते हुए हम सब बड़े हुए हैं ... देश की मिटटी में रचे हुए हैं वो ... नमन है मेरा उन्हें ...

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