Wednesday, 30 January 2019

वीर देश के गौरव

युवा वर्ग को आह्वान
ओ वीर देश के गौरव

वीर देश के गौरव हो तुम
माटी की शान तुम
भूमि का अभिमान तुम
देश की आन तुम
राह के वितान तुम।

ओ नौजवान बढ़ो चलो
धीर तुम गम्भीर तुम।

राहें विकट,हौसले बुलंद रख
चीर दे सागर का सीना
पांव आसमां पर रख
आंधी तुम तूफान तुम
राष्ट्र की पतवार तुम।

ओ नौजवान बढ़ो चलो
धीर तुम गम्भीर तुम।

भाल को उन्नत रख
हाथ में कमान रख
बन के आत्माभिमानी
शीश झुका के पर्वतों के
राह पर कदम रख।

ओ नौजवान बढ़ो चलो
धीर तुम गम्भीर तुम।

दुर्जनों को रौंद दे
निर्बलों की ढाल तुम
नेकियाँ हाथों में रख
मान तुम गुमान तुम
सागर के साहिल तुम।

ओ नौजवान बढ़ो चलो
धीर तुम गम्भीर तुम।

तूं महान कर्मकर
अर्जुन तुम कृष्ण तुम
राह दिखा दिग्भ्रमितों को
गीता के संदेश तुम
अबलाओं के त्राण तुम।

ओ नौजवान बढ़ो चलो
धीर तुम गम्भीर तुम।

     कुसुम कोठारी ।

8 comments:

  1. तूं महान कर्मकर
    अर्जुन तुम कृष्ण तुम
    राह दिखा दिग्भ्रमितों को
    गीता के संदेश तुम
    अबलाओं के त्राण तुम।....बहुत सुन्दर रचना सखी
    सादर

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    1. बहुत सा आभार सखी।
      सस्नेह ।

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  2. बहुत ही बेहतरीन रचना सखी बहुत बहुत बधाई

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    1. ब्लॉग पर स्वागत जेन्नी जी बहुत सुन्दर अहसास हुवायआपको यहां देख कर।
      सस्नेह ढेर सा आभार आपकी सक्रिय प्रतिक्रिया का।

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  4. देश के युवाओं को बहुत ही सुंदर आह्वान सखी | युवा ही देश के कृष्ण , अर्जुनं , कृष्ण और राम हैं | यदि ये अपनी ऊर्जा का शत प्रतिशत उपयोग करें तो राष्ट्र को कितना गर्व होगा ये कोई कहने की बात नहीं | इस ओज भरी सराहनीय रचना के लिए मेरी हार्दिक शुभकमानायें|

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    1. रनू बहन ढेर सा स्नेह और आभार।
      आपकी प्रतिक्रिया सदा उत्साह बढाती है और कुछ और अच्छा करने की प्रेरणा देती है।
      सस्नेह।

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