Monday, 24 December 2018

जोखिम का सफर जिंदगी

जोखिम का सफर जिंदगी

जोखिम की मानिंद हो रही बसर है जिंदगी
खूबसूरत  सा  एक भंवर है जिंदगी ।

खिल के मिलना ही है धूल में जानिब नक्बत
जी लो जी भर माना खतरे की डगर है जिंदगी।

बरसता रहा आब ए चश्म रात भर बेजार
भीगी हुई चांदनी का शजर है जिंदगी

मिलने को तो मिलती रहे दुआ ए हयात रौशन
उसका करम है उसको नजर है जिंदगी।

माना डूबती है कश्तियां किनारों पर भी
डाल दो लहरों पे जोखम का सफर है जिंदगी ।
         
                कुसुम कोठारी ।

18 comments:

  1. माना डूबती है कश्तियां किनारों पर भी
    डाल दो लहरों पे जोखम का सफर है जिंदगी ।
    बहुत खूब............. सादर स्नेह सखी

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    1. बहुत सा स्नेह आभार सखी बस यूं ही उत्साह बढाती रहें।
      सस्नेह

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  2. वाह बहुत ही बेहतरीन रचना सखी 👌👌

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    1. बहुत सा आभार सखी।
      सदा स्नेह बनाये रखें ।

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  3. आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 26दिसंबर 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!


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    1. सस्नेह आभार पम्मी जी मेरा ब्लॉग पर आना निश्चित है देर सबेर ही आती जरूर हूं ।
      सस्नेह।

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  4. Replies
    1. जी बहुत बहुत आभार आपका उत्साह वर्धन के लिये ।

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  5. बरसता रहा आब ए चश्म रात भर बेजार
    भीगी हुई चांदनी का शजर है जिंदगी....
    वाह !!! एक से एक खूबसूरत शेर कहे हैं। आपके लेखन का ये अंदाज भी बेहतरीन है प्रिय कुसुम। सस्नेह।

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    1. प्रिय मीना जी आपकी उत्साह बढाती मनमोहक प्रतिक्रिया का सस्नेह आभार, आप प्रबुद्ध लोगों की उपस्थिति और सराहना सदा लेखन को प्रगति देता है।
      सदा स्नेह बनाये रखें।
      सादर।

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  6. माना डूबती है कश्तियां किनारों पर भी
    डाल दो लहरों पे जोखम का सफर है जिंदगी ।
    वाह!!!
    बहुत ही लाजवाब गजल
    एक से बढकर एक शेर...

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    1. उत्साह वर्धन के लिये बहुत बहुत आभार सुधा जी आपका स्नेह अतुल्य है।
      सस्नेह

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  7. बरसता रहा आब ए चश्म रात भर बेजार
    भीगी हुई चांदनी का शजर है जिंदगी
    बहुत खूब !! बेहतरीन भाव लिए लाजवाब गज़ल ।

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    1. बहुत बहुत आभार मीना जी आपकी प्रतिक्रिया से रचना को सार्थकता मिली ।
      सस्नेह।

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  8. माना डूबती है कश्तियां किनारों पर भी
    डाल दो लहरों पे जोखम का सफर है जिंदगी ।
    बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति, कुसुम दी।

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  9. बहुत बहुत आभार ज्योति बहन उत्साह वर्धन करती आपकी प्रतिक्रिया से रचना को सार्थकता मिली ।
    सस्नेह।

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  10. मिलने को तो मिलती रहे दुआ ए हयात रौशन
    उसका करम है उसको नजर है जिंदगी....वाह! बहुत ख़ूब 👌

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    1. शुक्रिया सखी उत्साहित करती प्रतिक्रिया। ढेर सारा स्नेह।

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