Wednesday, 28 September 2022

माँ शैलपुत्री


 प्रथम दिवस


माँ शैलपुत्री


तनया पर्वत राज की, शैलपुत्री सुनाम।

नगपति जैसी ही अड़िग, वरदाई गुण खान।

वरदाई गुण खान,पूजती दुनिया सारी।

कमल लिए है हाथ, वृषभ की करे सवारी।

कहे कुसुम कर जोड़, खड़ी हूँ बनकर विनया।

देदो माँ वरदान, शैल की अनुपम तनया।।


कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'

6 comments:

  1. माँ शैलपुत्री की गुणों का बखान करती अत्यंत सुन्दर कुण्डली सृजन ।

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    1. जय मां भवानी।
      बहुत बहुत आभार आपका मीना जी।

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    1. जय मां भवानी।
      हृदय से आभार आपका।

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  3. वाह!कुसुम जी ,बहुत सुन्दर!!

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    1. जय माता रानी की।
      हृदय से आभार आपका शुभा जी।

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