Wednesday, 13 February 2019

इश्क क्या है

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इश्क क्या है

इश्क़ वो शै है जिसका
कोई आशियाना नही
वो आग का दरिया
जिसका किनारा नही
इश्क़ में फ़ना होने वाले
यादों की कहानी हो गये
इसकी बज़्म में
ज़न्नत दिखती है
पर लुट जाती है
इसकी ख़शबू भी बस
रूहानी होती है
सच इश्क़ ने डाली
नज़र जिस पर,
ला-इलाज़ उसकी
बिमारी होती है ।

कुसुम कोठारी ।

10 comments:

  1. दो दिलों के धड़कने का नाम है इश्क

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  2. बहुत ही सुंदर प्रस्तूति,कुसुम दी।

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  3. वाह बहुत सुंदर आदरणीया दीदी जी

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  4. आपकी लिखी रचना सोमवार. 14 फरवरी 2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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  5. इश्क़ समुंदर
    मन के अंदर
    लहर-लहर है
    कहर-कहर
    गहरे उतरे मोती पाये
    उथले सागर रेत नहाये
    सुन मानुष प्रेम बिना सब सून
    तू भी गहरे डूब ले प्रेम के मोती चुन।
    ----
    सुंदर रचना दी।
    स्नेहिल प्रणाम।

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  6. इसकी ख़शबू भी बस
    रूहानी होती है
    सच इश्क़ ने डाली
    नज़र जिस पर,
    ला-इलाज़ उसकी
    बिमारी होती है ।
    वाह!!!
    क्या बात...
    लाजवाब।

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  7. बहुत सटीक और अलग भाव से प्रेम को परिभाषित करती रचना | आखिर दुनिया में बीमारे-इश्क़ ना होते, तो लैला-मजनूँ, हीर -राँझा और शीरी-फ़रहाद सरीखे आशिकों की दास्ताने इश्क़ ज़माना कैसे सुन पाता|

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  8. सच इश्क़ ने डाली
    नज़र जिस पर,
    ला-इलाज़ उसकी
    बिमारी होती है ।

    वाह वाह! बहुत खुब कही आपने, ये लाईलाज बिमारी ही तो होती है...सुन्दर सृजन,सादर नमन कुसुम जी 🙏

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  9. वाह बेहद खूबसूरत सृजन।

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