अत्यंत सुंदर ,आध्यत्मिक विचार को शब्दों में पिरोया है आप ने ,मैं तो इस लायक नहीं कि आप सब जैसे प्रतिभावानो के रचना पर दो शब्द कहुँ ,पर कहे बिना खुद को रोक भी नहीं पाई .सस्नेह
सर्व प्रथम तो ब्लॉग पर स्वागत है आपका स्नेही कामिनी जी। आपकी तत्वार्थ प्रतिक्रिया से रचना को गति प्रदान हुई, और लायक तो हमेशा पाठक ही होता है जो रचना कार को जीवित रखता है उस पर आपकी प्रतिक्रिया प्रबुद्धता के साथ मेरा उत्साह बढा रही है । सदा स्नेह बनाये रखें।
आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है. https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2018/12/mitrmandali100.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
तभी सफल हो मानव तन
ReplyDeleteसकल सौम्य आचार करूं। बहुत सुंदर रचना सखी
आपकी मनभावन प्रतिक्रिया से रचना सार्थक हुई सखी स्नेह आभार ।
Deleteअत्यंत सुंदर ,आध्यत्मिक विचार को शब्दों में पिरोया है आप ने ,मैं तो इस लायक नहीं कि आप सब जैसे प्रतिभावानो के रचना पर दो शब्द कहुँ ,पर कहे बिना खुद को रोक भी नहीं पाई .सस्नेह
ReplyDeleteसर्व प्रथम तो ब्लॉग पर स्वागत है आपका स्नेही कामिनी जी।
Deleteआपकी तत्वार्थ प्रतिक्रिया से रचना को गति प्रदान हुई, और लायक तो हमेशा पाठक ही होता है जो रचना कार को जीवित रखता है उस पर आपकी प्रतिक्रिया प्रबुद्धता के साथ मेरा उत्साह बढा रही है ।
सदा स्नेह बनाये रखें।
बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिये ।
Deleteबहुत सुंदर रचना, कुसुम दी।
ReplyDeleteबहुत सा स्नेह आभार ज्योति बहन ।
Deleteबहुत बहुत आभार भाई अमित जी आपकी सराहना से रचना मुखरित हुई ।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना सखी 👌
ReplyDeleteसादर
सखी सस्नेह आभार आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिये सदा स्नेह बनाये रखें।
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteसादर आभार लोकेश जी
Deleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है. https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2018/12/mitrmandali100.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteसादर आभार।
Deleteजी मै अवश्य उपस्थित रहूंगी ।
स्वाध्याय से आत्मावलोकन व आत्मसात करना
ReplyDeleteसूक्ष्म का अवलोकन और आत्मा की पहचान...
वाह!!!
बहुत ही लाजवाब...
सुधा जी आपका ढेर सा आभार आप सदा उत्साह वर्धन करते हैं।
Deleteसस्नेह।