tag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post6749466389194771875..comments2024-03-16T00:05:40.646-07:00Comments on मन की वीणा - कुसुम कोठारी। : मरुभूमिमन की वीणाhttp://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-30194422603131782182021-06-23T21:55:46.407-07:002021-06-23T21:55:46.407-07:00पेट की ज्वाला बुरी है
गर्म लावे सी दहकती
राख ह...पेट की ज्वाला बुरी है <br /><br />गर्म लावे सी दहकती <br /><br />राख हो इस आँच में फिर <br /><br />दो निवाले को भटकती <br /> हृदयस्पर्शी सृजन सखी।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-26784526754735588992021-06-19T09:02:02.967-07:002021-06-19T09:02:02.967-07:00बहुत बहुत आभार आपका संगीता जी ।
गहन दृष्टि आपकी, व...बहुत बहुत आभार आपका संगीता जी ।<br />गहन दृष्टि आपकी, वैसे मुखड़ा ही आह्वान कर रहा है हर विसंगतियों के लिए।<br /><br />सादर सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-73880874743809961752021-06-19T08:58:50.045-07:002021-06-19T08:58:50.045-07:00बहुत बहुत आभार आपका आलोक जी।
सादर।बहुत बहुत आभार आपका आलोक जी।<br />सादर।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-4642947134313804902021-06-19T08:58:09.832-07:002021-06-19T08:58:09.832-07:00बहुत बहुत आभार प्रिय अनिता, आपकी उत्साहवर्धक प्रति...बहुत बहुत आभार प्रिय अनिता, आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से रचना मुखरित हुई,और लेखन को नव उर्जा मिली।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-1780800358521687382021-06-19T08:56:43.725-07:002021-06-19T08:56:43.725-07:00हृदय से आभार आपका अलकनंदा जी, आपकी प्रतिपंक्तिया ब...हृदय से आभार आपका अलकनंदा जी, आपकी प्रतिपंक्तिया बहुत कुछ कह रही है, वैसे आपका पोस्ट पर आना ही मेरे लिए सम्मान का विषय है ।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-1895718683442610022021-06-19T08:53:41.011-07:002021-06-19T08:53:41.011-07:00बहुत बहुत आभार आपका सुधा जी आपकी मोहक प्रतिक्रिया ...बहुत बहुत आभार आपका सुधा जी आपकी मोहक प्रतिक्रिया से रचना सार्थक हुई।<br />सदा स्नेह बनाए रखें।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-21635744982297054832021-06-19T08:52:43.140-07:002021-06-19T08:52:43.140-07:00विस्तृत व्याख्यात्मक टिप्पणी से लेखन सार्थक हुआ जि...विस्तृत व्याख्यात्मक टिप्पणी से लेखन सार्थक हुआ जिज्ञासा जी आपकी प्रतिक्रिया से रचना मुखरित हुई।<br />स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-37405599498942373472021-06-19T08:51:03.538-07:002021-06-19T08:51:03.538-07:00बहुत बहुत आभार आपका, मैं मंच पर अवश्य उपस्थित रहूं...बहुत बहुत आभार आपका, मैं मंच पर अवश्य उपस्थित रहूंगी।<br />सादर।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-16598753834374087692021-06-19T08:50:27.835-07:002021-06-19T08:50:27.835-07:00विस्तृत व्याख्या से उत्साह वर्धन हुआ ज्योति बहन।
ब...विस्तृत व्याख्या से उत्साह वर्धन हुआ ज्योति बहन।<br />बहुत बहुत आभार आपका।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-1710293772639537302021-06-19T08:49:29.085-07:002021-06-19T08:49:29.085-07:00गहन समीक्षात्मक दृष्टि से रचना का मंथन करने के लिए...गहन समीक्षात्मक दृष्टि से रचना का मंथन करने के लिए हृदय तल से आभार सुधा जी।<br />लेखन सार्थक हुआ।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-86629435523794124802021-06-18T22:21:22.428-07:002021-06-18T22:21:22.428-07:00हर बन्द अलग विषय लिए हुए । बेहतरीन रचना हर बन्द अलग विषय लिए हुए । बेहतरीन रचना संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-69145479070211651682021-06-17T20:45:17.651-07:002021-06-17T20:45:17.651-07:00बहुत बहुत सुन्दरबहुत बहुत सुन्दरआलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-60797339404171743882021-06-17T08:26:17.654-07:002021-06-17T08:26:17.654-07:00पेट की ज्वाला बुरी है
गर्म लावे सी दहकती
राख ह...पेट की ज्वाला बुरी है <br /><br />गर्म लावे सी दहकती <br /><br />राख हो इस आँच में फिर <br /><br />दो निवाले को भटकती <br /><br />छोड़ कर निज ग्राम देखो <br /><br />दूर कितने अंचलों से।।..बहुत ही मार्मिक अथाह गहराई लिए सराहनीय सृजन।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-28300331613214895242021-06-17T02:28:44.133-07:002021-06-17T02:28:44.133-07:00क्या कुछ कह सकती हूं मैं कुसुम जी ? बस एक एक पंक्...क्या कुछ कह सकती हूं मैं कुसुम जी ? बस एक एक पंक्ति पर नि:शब्द हुई जाती हूं---Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-38225913432890142322021-06-17T01:03:28.568-07:002021-06-17T01:03:28.568-07:00पेट की ज्वाला बुरी है
गर्म लावे सी दहकती
राख ह...पेट की ज्वाला बुरी है <br /><br />गर्म लावे सी दहकती <br /><br />राख हो इस आँच में फिर <br /><br />दो निवाले को भटकती <br /><br />छोड़ कर निज ग्राम देखो <br /><br />दूर कितने अंचलों से।।<br /><br />बहुत सुन्दर। सधु चन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/03218271250912628033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-76470120602507939992021-06-17T01:01:05.285-07:002021-06-17T01:01:05.285-07:00This comment has been removed by the author. सधु चन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/03218271250912628033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-45794186457514763092021-06-16T11:59:36.030-07:002021-06-16T11:59:36.030-07:00
रेत प्यासी बूँद चाहे
बादलों का पात्र खाली
बीत...<br />रेत प्यासी बूँद चाहे <br /><br />बादलों का पात्र खाली <br /><br />बीतता मौसम कसकता <br /><br />हाथ मलता बैठ माली <br /><br />कौन भागीरथ रहा अब<br /><br />वारि लायेगा तलों से।। ..बहुत सुंदर सृजन,सार्थक सटीक अभिव्यक्ति,सादर शुभकामनाएं ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-7864197169742374732021-06-16T09:11:07.191-07:002021-06-16T09:11:07.191-07:00आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17-06-2021को चर्चा – 4,...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17-06-2021को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> चर्चा – 4,098 </a>में दिया गया है।<br />आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।<br />धन्यवाद सहित <br />दिलबागसिंह विर्क<br />दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-22997868297411439652021-06-16T08:33:29.894-07:002021-06-16T08:33:29.894-07:00पेट की ज्वाला बुरी है
गर्म लावे सी दहकती
राख ह...पेट की ज्वाला बुरी है <br /><br />गर्म लावे सी दहकती <br /><br />राख हो इस आँच में फिर <br /><br />दो निवाले को भटकती <br /><br />छोड़ कर निज ग्राम देखो <br /><br />दूर कितने अंचलों से।।<br />दिल को छूती बहुत ही सुंदर रचना,कुसुम दी।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-32326608038605543472021-06-16T05:58:32.574-07:002021-06-16T05:58:32.574-07:00पेट की ज्वाला बुरी है
गर्म लावे सी दहकती
राख ह...पेट की ज्वाला बुरी है <br /><br />गर्म लावे सी दहकती <br /><br />राख हो इस आँच में फिर <br /><br />दो निवाले को भटकती <br /><br />छोड़ कर निज ग्राम देखो त<br /><br />दूर कितने अंचलों से।।<br /><br />वाह!!!<br />बहुत ही हृदयस्पर्शी लाजवाब नवगीत ..।<br />पेट की आग बुझाने हेतु अपने घर गाँवों दूर अपनों से दूर मुसीबतें झेलते हर गरीब का जीवन भी मरुभूमि जैसा रिक्त एवं बीहड़ हो जाता है।<br />बहुत ही लाजवाब।<br /><br />Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.com