tag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post6430140907017606640..comments2024-03-16T00:05:40.646-07:00Comments on मन की वीणा - कुसुम कोठारी। : सखी मन खनक-खनक जाएमन की वीणाhttp://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-13820873717940627102019-12-27T08:54:16.229-08:002019-12-27T08:54:16.229-08:00प्रीत गगरिया छलक रही है
ज्यों अमृत उड़ेल रही है...प्रीत गगरिया छलक रही है<br />ज्यों अमृत उड़ेल रही है<br />मन को घट रीतो प्यासो है<br />बूंद - बूंद रस घोल रही है<br />ये कैसो है क्षीर सिन्धु सो<br />उलझ-उलझ मन जाए<br />सखी मन खनक-खनक जाए।<br /> बहुत ही प्यारी रचना प्रिय कुसुम बहन | लयबद्ध गीत के सभी भाव ओर बोल कमाल के हैं | किसी से इसे गाने का अनुरोध जरुर करें |मन अन्दर से खिला हो और प्रकृति भी अपने रंग में हो, तो गोरी के मन के भाव छिपाए नहीं छिपते | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-18234033895220518892019-12-20T20:16:27.807-08:002019-12-20T20:16:27.807-08:00बहुत खूबसूरत रचना सखी 👌बहुत खूबसूरत रचना सखी 👌Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-81576427329638725012019-12-20T06:04:11.226-08:002019-12-20T06:04:11.226-08:00बहुत सुन्दर ... गेयता कमाल की और सुन्दर शब्द विन्य...बहुत सुन्दर ... गेयता कमाल की और सुन्दर शब्द विन्यास ...<br />प्राकृति का मनमोहक अवलोकन करते भाव ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-61010700994984572202019-12-19T21:29:15.436-08:002019-12-19T21:29:15.436-08:00बहुत खूब...,मनमोहक और अत्यंत सुन्दर सृजन जिसे गुनग...बहुत खूब...,मनमोहक और अत्यंत सुन्दर सृजन जिसे गुनगुनाना<br />सुखद अनुभव है ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-35872012101019112482019-12-19T07:40:36.894-08:002019-12-19T07:40:36.894-08:00जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल...जी नमस्ते,<br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(20 -12 -2019) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">"कैसे जान बचाऊँ मैं"(चर्चा अंक-3555) </a> पर भी होगी।<br /><br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br /><br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br /><br />आप भी सादर आमंत्रित है <br /><br />….<br />अनीता लागुरी 'अनु 'Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-82700649606803852892019-12-19T03:18:37.299-08:002019-12-19T03:18:37.299-08:00This comment has been removed by the author.आस तुम्हारीhttps://www.blogger.com/profile/00137100116583669640noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-4934683068338141972019-12-19T01:16:42.904-08:002019-12-19T01:16:42.904-08:00अति सुंदर और भावपूर्ण सृजन कुसुम जी ,आप तो पुराने...अति सुंदर और भावपूर्ण सृजन कुसुम जी ,आप तो पुराने गीतों की दुनिया में ले गई हमें ,सादर नमस्कार Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.com