tag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post1301401012623124019..comments2024-03-16T00:05:40.646-07:00Comments on मन की वीणा - कुसुम कोठारी। : गाँव पलायन बेटे मन की वीणाhttp://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-38741151778817686292021-04-09T19:10:55.394-07:002021-04-09T19:10:55.394-07:00बहुत अच्छा लगा ये पढ़कर जिज्ञासा जी कि मेरे लेखन स...बहुत अच्छा लगा ये पढ़कर जिज्ञासा जी कि मेरे लेखन से आपकी पुरानी मीठी स्मृतियों ने मन को आनंदित किया।<br />और सच भी है कि कुछ चीजें व्यक्ति के मानष पटक पर सदा सुखद सी छाई रहती है।<br />आपको रचना पसंद आई मन प्रसन्न हुआ बहुत बहुत आभार आपका आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया से रचना को नये आयाम मिले।<br />आपकी रचना का इंतजार रहेगा शीघ्र पढ़ने का ।<br /><br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-6769183546846419442021-04-09T10:37:56.235-07:002021-04-09T10:37:56.235-07:00कुसुम जी,जब भी ऐसे विषय पर कुछ पढ़ती हूं, तो लगता ...कुसुम जी,जब भी ऐसे विषय पर कुछ पढ़ती हूं, तो लगता है,जैसे मेरा अपना मन कुछ गुनगुना रहा है,आम जैसे विषय बड़े मोहक हैं,मेरे गाँव में आम का बहुत बड़ा बगीचा था बिलकुल दरवाजे पर ही,हमने गर्मी की छुट्टियों में बहुत मजे किए उस बागीचे में,उसी की याद में मैने अपने घर लखनऊ में एक आम का पेड़ लगा रखा है,और लगता है वो मेरा साथी है,जब उसके पास जाती हूं, उसे प्यार जरूर करती हूं,लगता है वो हँसकर एक मीठा आम मुझे पकड़ा देगा । मैंने भी उसके ऊपर कुछ लिखा हुआ है, आपसे प्रेरणा लेकर उस कविता को एक दिन जरूर आपको पढ़वाऊंगी और आपकी राय लूंगी ।<br />.....आपकी रचना बहुत अच्छी लगी ।सादर शुभकामनाएं ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-77053315939123956082021-04-09T09:14:51.164-07:002021-04-09T09:14:51.164-07:00बहुत बहुत आभार आपका सखी।
आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया ...बहुत बहुत आभार आपका सखी।<br />आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से रचना मुखरित हुई।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-43314185454529558952021-04-09T09:14:16.960-07:002021-04-09T09:14:16.960-07:00बहुत बहुत आभार आपका, चर्चा मंच पर रचना को रखने के ...बहुत बहुत आभार आपका, चर्चा मंच पर रचना को रखने के लिए।<br />मैं मंच पर उपस्थित रहूंगी।<br />सादर सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-53880575104347633222021-04-09T09:13:07.499-07:002021-04-09T09:13:07.499-07:00बहुत बहुत आभार आपका।
ब्लाग पर सदा स्वागत है आपका।
...बहुत बहुत आभार आपका।<br />ब्लाग पर सदा स्वागत है आपका।<br />आपकी उपस्थिति हमारा संबल है ।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-652047514898754572021-04-09T09:12:04.711-07:002021-04-09T09:12:04.711-07:00ढेर सा स्नेह आभार ज्योति बहना।
आपकी स्नेहिल प्रतिक...ढेर सा स्नेह आभार ज्योति बहना।<br />आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से रचना मुखरित हुई।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-54593997009354938662021-04-09T09:11:12.842-07:002021-04-09T09:11:12.842-07:00बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
हृदय स्पर्शी उद्गार उठ...बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।<br />हृदय स्पर्शी उद्गार उठाये आपने लेखन सार्थक हुआ ।<br />सादर।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-8057130517949802892021-04-09T09:09:59.092-07:002021-04-09T09:09:59.092-07:00वाह संगीता जी नामारूप सरगम सा बिखेरती सुंदर टिप्पण...वाह संगीता जी नामारूप सरगम सा बिखेरती सुंदर टिप्पणी।<br />मन प्रसन्न हुआ।<br />सदा स्नेह बनाए रखें।<br />सस्नेह आभार।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-84279542492861479412021-04-09T09:08:30.056-07:002021-04-09T09:08:30.056-07:00बहुत बहुत आभार आपका लेखन को समर्थन देती प्रतिक्रिय...बहुत बहुत आभार आपका लेखन को समर्थन देती प्रतिक्रिया से लेखन सार्थक हुआ।<br />सादर।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-89037681878928206332021-04-09T09:07:35.497-07:002021-04-09T09:07:35.497-07:00जी बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
सादर।
उत्साहवर्धन ह...जी बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।<br />सादर।<br />उत्साहवर्धन हुआ।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-55750487377230095152021-04-09T09:06:56.928-07:002021-04-09T09:06:56.928-07:00जी बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
सादर।जी बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।<br />सादर।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-42199585862217870122021-04-09T09:06:18.988-07:002021-04-09T09:06:18.988-07:00बहुत बहुत आभार आपका ज्योति जी।
आपकी सुंदर मनभावन प...बहुत बहुत आभार आपका ज्योति जी।<br />आपकी सुंदर मनभावन प्रतिक्रिया से लेखन सार्थक हुआ।<br />सस्नेह।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-64257785549587477232021-04-07T22:08:29.953-07:002021-04-07T22:08:29.953-07:00
मन की आस फिर जग गई
नभ पर अनुगूँज बिखर गई
होल...<br />मन की आस फिर जग गई <br /><br />नभ पर अनुगूँज बिखर गई<br /><br />होले से मदमाता शैशव आया<br /><br />आम द्रुम सरसई से सरस आया ।<br /><br />वाह बेहद खूबसूरत रचना 👌👌Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-8356713473313233742021-04-07T21:44:23.479-07:002021-04-07T21:44:23.479-07:00जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज...जी नमस्ते ,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरुवार (०८-०४-२०२१) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">(चर्चा अंक-४०३०)</a> पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित है। अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-60704770493496387852021-04-07T21:42:24.335-07:002021-04-07T21:42:24.335-07:00भावपूर्ण अभिव्यक्ति मैमभावपूर्ण अभिव्यक्ति मैमPreeti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/13642634669489250744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-51500507287344135642021-04-07T07:05:37.379-07:002021-04-07T07:05:37.379-07:00आम पर बहुत ही सुंदर रचना, कुसुम दी।आम पर बहुत ही सुंदर रचना, कुसुम दी।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-20884718139621564812021-04-07T03:53:25.696-07:002021-04-07T03:53:25.696-07:00लौट आवो एक बार फिर घर द्वारे
सारा परिवार खड़ा है ...लौट आवो एक बार फिर घर द्वारे<br /><br />सारा परिवार खड़ा है आँखें पसारे<br /><br />बहुत सुन्दर MANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13656162462576727173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-26861180949828904742021-04-07T02:36:10.405-07:002021-04-07T02:36:10.405-07:00खूबसूरत भावपूर्ण अभिव्यक्ति । इतनी सरस रचना की लग ...खूबसूरत भावपूर्ण अभिव्यक्ति । इतनी सरस रचना की लग रहा आम का रस ही टपक रहा संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-86008890055772210002021-04-07T00:55:51.250-07:002021-04-07T00:55:51.250-07:00बहुत बहुत सुन्दर बहुत बहुत सुन्दर आलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-7353137182579943482021-04-06T23:08:50.131-07:002021-04-06T23:08:50.131-07:00वाह, बहुत सुंदर।वाह, बहुत सुंदर।शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-41508874565549338382021-04-06T21:30:04.608-07:002021-04-06T21:30:04.608-07:00बहुत सार्थक और सुन्दर रचना।बहुत सार्थक और सुन्दर रचना।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605042281849712685.post-17842215852683689632021-04-06T10:27:54.135-07:002021-04-06T10:27:54.135-07:00देखो टिकोरे से भर झूमी डालियाँ
कहने लगे सब खूब आय...देखो टिकोरे से भर झूमी डालियाँ<br /><br />कहने लगे सब खूब आयेगी अंबिया<br /><br />रसाल की गांव मेंं होगी भरमार<br /><br />इस बार मेले लगेंगे होगी बहार।<br /><br /><br /><br />लौट आवो एक बार फिर घर द्वारे<br /><br />सारा परिवार खड़ा है आँखें पसारे<br /><br />चलो माना शहर में खुश हो तुम<br /><br />पर बिन तुम्हारे यहाँ खुशियाँ हैं गुम।<br />वाह ,बहुत ही सुंदर कुसुम जी, आम के सभी दौर के बारे मे भी कितनी खूबसूरती से बताया है आपने,हार्दिक बधाई हो, सादर नमन ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.com