फाग पर ' ताँका 'विधा की रचनाएँ ~
१. आओ री सखी
आतुर मधुमास
आयो फागुन
बृज में होरी आज
अबीर भरी फाग।
२. शाम का सूर्य
गगन पर फाग
बादल डोली
लो सजे चांद तारे
चहका मन आज।
३. उड़ी गुलाल
बैर भूलादे मन
खेलो रे खेलो
सुंदर मधुरस
मनभावन फाग ।
कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
ताँका (短歌) जापानी काव्य की कई सौ साल पुरानी काव्य विधा है। इस विधा को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के दौरान काफी प्रसिद्धि मिली। उस समय इसके विषय धार्मिक या दरबारी हुआ करते थे। हाइकु का उद्भव इसी से हुआ।
इसकी संरचना ५+७+५+७+७=३१ वर्णों की होती है।
वाह, बेहतरीन। बहुत सुंदर।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका।
Deleteहोली पर हार्दिक शुभकामनाएं।
सार्थक और सुन्दर ताँके।
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय।
Deleteहोली पर हार्दिक शुभकामनाएं।
होली का रंग
ReplyDeleteठंडाई की तरंग
साथ में खेलें
अबीर और रंग
हैं शुभकामनाएँ ।
बहुत खूबसूरत लिखा है तांका विधा में ।
वाह संगीता जी बहुत खूब आसू ताँका रचा आपने सुंदर सरस।
Deleteरंगोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं आपको परिवार सहित।
हृदय से आभार।
सस्नेह।
बहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका।
Deleteहोली पर हार्दिक शुभकामनाएं।
उड़ी गुलाल
ReplyDeleteबैर भूलादे मन
खेलो रे खेलो
सुंदर मधुरस
मनभावन फाग ।
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीया।
"ताँका" की इस विधा से परिचय करवाने हेतु शुक्रिया। यहा आपकी कुछ पंक्तियाँ वाकई, हाईकु से कहीं अधिक प्रभावशाली लगी। मुझे, व्यक्तिगत रूप से, हाईकु की रचनाएँ नीरस सी लगती हैं। पर, यह "ताँका" विधा कुछ उम्दा सत्र की हैं। पुनः धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार आपका पुरुषोत्तम जी रचना पर विशेष ध्यान देने के लिए और पसंद करने के लिए।
Deleteहोली पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।
स्तर की है....पढें कृपया
ReplyDeleteजी।
Deleteएक नई विधा से परिचय हुआ, सुंदर सन्देश देती रचना, आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएं कुसुम जी
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका कामिनी जी।
Deleteताकाँ पर आपके उद्गार मोहक लगे।
आप को भी रंगोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं।
सस्नेह।
अति सुन्दर ताँका । होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका अमृता जी, अपको पसंद आई, रचना सार्थक हुई।
Deleteहोलिका पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत ही बेहतरीन कविता, आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका।
Deleteआपको भी होली पर हार्दिक शुभकामनाएं।
खूबसूरत है हर तांका ... फागुन का रँग लिए ...
ReplyDeleteहोली की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
बहुत बहुत आभार आपका।
ReplyDeleteचर्चा मंच पर रचना को शामिल करने के लिए।
होली पर हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत बहुत आभार आपका नासवा जी।
ReplyDeleteरचना सार्थक हुई।
रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।
बेहद खूबसूरत, बधाई हो आपको
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका।
Deleteआपको भी होली की शुभकामनाएं।
सस्नेह।
सुंदर, मनभावन तांका, सादर शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका जिज्ञासा जी।
Deleteसस्नेह।